Friday, 13 June 2014

Dr. Shyam
वो जो चौधरी हैं
बनाते हैं कानून ,  बुलाते हैं पंचायतें
और फरमान सुनाते  हैं ।
बढ़ रही है उद्दंडता, छेड़खानी , बलात्कार
असुरक्षा बढ़ रही है महिलाओं के लिए
और वो
ईलाज  सुझाते हैं
बंद करते हैं महिला का बाहर निकलना
देर सवेर
प्रतिबंध लगाते  हैं कभी पैंट/जींस पर
तो कभी लड़कियों के सेलफोन पर
लड़के घूरते हैं तो वो
शिक्षिकाओं को पहना देते हैं गाउन
लड़कियों को मानते हैं रोग की जड़
इसीलिए इनकी जल्दी शादी की
करते हैं बात
वो
नहीं खोजते मर्दों की उद्दंडता का राज
उनकी ढीठता पर लगाम की बात नहीं करते
वो छीनना जानते हैं 
लड़कियों की स्वेछा,  उनकी तरुणाई
और आज़ादी की सांस
पाबंदियों के मोटे रक्षा कवच मे
चाहते हैं जकड़ डालना वहाँ तक
की वो मर न जाएँ बस
बची भर रहें सृष्टि चलाने को
पक झुलस पवित्रता की आंच मे
नारी के पूजनीय होने का खिताब पाने को ।
वो जो चौधरी हैं
  जुटाते हैं पंचायतों के दंगल
प्रेमियों को टांग कर सूली पर
मर्यादा की बांग लगाते हैं
बनाते हैं कानून

फरमान सुनाते  हैं ।