Thursday 2 March 2023

लघुकथा

 क्या मुझे न्याय मिलेगा?

-जसमिंदर 



रात के 11:30 बजे थे नवंबर का महीना था। सर्दी पड़ रही थी। पुलिस चौकी में बैठे सब इंस्पेक्टर साहब ने पीसीआर के ड्राइवर से पूछा कि कुछ देर गश्त करके आया जाए? ड्राइवर ने हां में सिर हिलाया‌। तभी पास ही बैठे दूसरे सिपाही और एक हेड कांस्टेबल को सब इंस्पेक्टर ने साथ में लिया और गाड़ी की तरफ बढ़ लिये। गाड़ी में बैठ कर पास वाले गांव की तरफ चल पड़े ताकि जायजा लिया जा सके कि गांव में सब कुछ ठीक चल रहा है और कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। पुलिस की गाड़ी गांवों में से गुजरते हुए चौथे गांव में पहुंच चुकी थी रात के 12:30 बज चुके थे गांव से निकलते ही सड़क के किनारे उन्होंने ने देखा कि एक लड़का और एक लड़की खड़े हुए हैं। सब इंस्पेक्टर ने सिपाही को आदेश दिया कि जाकर पता करो यहां पर क्या कर रहे हैं? सिपाही लड़का लड़की के पास गया, शक भरी निगाहों से उनकी तरफ देखा और फिर थोड़ा सा रोब की आवाज में बोला," यहां पर क्या कर रहे हो?" इतना सुनकर लड़का घबरा गया। लड़की को कोई जवाब नहीं सूझा।सिपाही के दोबारा पूछने पर लड़के ने बताया कि सर मैं फौजी हूं और यह मेरी दोस्त है। मेरा दूसरा दोस्त खेत में गया हुआ है। उसका पानी का वार है आज का, वह भी कुछ ही देर में आ रहा होगा । उसके आते ही हम घर चले जाएंगे।लेकिन सिपाही फिर से गुस्से में चिल्लाया और लड़की को गाड़ी में जाकर बैठ जाने को कहा। लड़की घबरा गई वहां से हिल ही नहीं पाई । उसका दिमाग नहीं समझ पा रहा था कि क्या किया जाए? कैसे इन पुलिस वालों को समझाया जाये? इतनी ही देर में पुलिस वाले ने दोबारा से गुस्से में उन दोनों से बात की और कहा कि इतनी रात को यहां पर बाहर घूमने का क्या मतलब है? तुम्हें अभी पुलिस स्टेशन चलना होगा और अगर बात नहीं बताई तो तुम्हें केस लगाकर लाक अप में भी डाला जा सकता है। लड़का लड़की और भी घबरा गए , कैसे परिवार और रिश्तेदारों को समझायेंगे? शायद इसी बात का फायदा पुलिस वाला उठा रहा था। काफी सोच विचार कर लड़के ने कहा कि तुम गाड़ी में बैठो मैं आता हूं।लड़की चुपचाप पुलिस की गाड़ी में जाकर बैठ गई इतनी देर में बाकी पुलिस वाले भी उतर के लड़के के पास आ गये लड़के ने पुलिस वालों से गुहार लगाई कि सर प्लीज मुझे जाने दो और जितने लड़के के पास पैसे थे वह पैसे देने का भी ऑफर किया। इतनी देर में सिपाही जो सबसे पहले लड़का लड़की के पास आया था गाड़ी की तरफ गया लड़की की तरफ देखा और कहा कि लेट जाओ। लेकिन लड़की नहीं लेटी।इस पर पुलिस वाले को गुस्सा आ गया उसने सब इंस्पेक्टर की तरफ देखा सब इंस्पेक्टर बिना पलक झपकाये उसकी तरफ देख रहा था। सिपाही ने लड़की को जबरदस्ती लेटा लिया और उसका बलात्कार किया । लड़का और बाकी पुलिस वाले चुपचाप लड़की के साथ हो रही इस जबरदस्ती को देख रहे थे। अपनी हवस पूरी करने के बाद पुलिस वाले ने लड़की का हाथ पकड़ के गाड़ी से नीचे की तरफ धकेल दिया और कहा जा अपने आशिक के पास पहुंच जा। अब लड़की सदमे में रोती हुई लड़के के पास जाकर खड़ी हो गई और पुलिस वाले अपनी गाड़ी में बैठ कर आगे निकल लिए ताकि कानून व्यवस्था को और अच्छे से बना कर रखा जा सके। अब लड़की लड़के से पूछती है,


"मेरे साथ जो उन्होंने किया इसकी शिकायत किसके पास करूं? इसकी उनको क्या सजा मिलेगी ? मुझे न्याय कैसे मिलेगा?"

 

लड़के ने लड़की को समझाते हुए कहा कि चुप रहने में ही फायदा है अगर ज्यादा बोलेंगे तो हमें जेल में भी डाल सकते हैं और पूरा समाज हमीं से सवाल करेगा , हमारे ऊपर ही थूकेगा, तुम्हारे चरित्र पर सवाल उठाएगा। इतना सुनकर लड़की रोने लगी और रोते हुए लड़के की तरफ देखती रही उसके बाद उनका क्या हुआ उन्होंने क्या किया आज तक कुछ नहीं पता।