यह पुस्तक एक बहादुर बोलीवियाई मजदूर औरत डोमितिला बारिओस डि चुन्गारा के जीवन संघर्ष की कहानी है। एक साधारण महिला की असाधारण कहानी। इस पुस्तक का अनुवाद अमिता शीरिन ने किया है जो बहुत ही आसान शब्दों में है और पाठक को बांधकर रखता है।
https://drive.google.com/file/d/19FRYwTxSJnhc_XPO43gJfj89pIXLU84h/view?usp=drivesdk




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