Thursday, 18 March 2021

किसान आंदोलन - रागणी

 हैवान दिल्ली म्हं 

(मास्टर दिलशेर 'मांडीकलां')




100 दिन तै बैठे सैं, किसान दिल्ली म्हं!

सुणते नही पुकार उनकी,हैवान दिल्ली म्हं !!


1. गर्मी म्हं आकै बैठ्या , गर्मी आई दोबारा,

हार मानकै उल्टा जाणा, उनको नही गवारा,

300 वीर कुर्बानी देगे , शहादत पथ संवारा,

धक्काशाही होण लागरह्यी, चालै कोन्या चारा-२,

ट्रॉली छोड़ बणाए झौंपड़ी ,मकान दिल्ली म्हं,

कमेरयां के कुचल रहे , अरमान दिल्ली म्हं ।


2. 11 दौर की वार्ता हो ली , कोन्या करी सुणाई,

संशोधन हाम्म कर देवांगे , योहे रट्ट लगाई,

न्यू कहरे कानून ठीक , होगी थारी भलाई,

किसान कहरह्या नही चाहिए , क्यूँ करते धक्काशाही-२,

जाण बुझकै करण लागरह्ये , परेशान दिल्ली म्हं ।

गरीबां गेल्याँ सींग फसारह्ये , धनवान दिल्ली म्हं ।।


3. कारपोरेट घराने कब्जाणा चाह्वैं , खेती बणी निशाना,

खेती लूटगी, रोटी खुसगी ,ना बचण का खान्ना,

कानून रद्द करणे होंगे , चालै नही बहाना,

बच्चे , बूढ़े कफ़न बांधरह्ये , आज देखरह्या जमाना-२,

त्यार होण नै बेठे-२ , कुर्बान दिल्ली म्हं।

हथेली ऊपर लेकै आए , जान दिल्ली म्हं।।


4. सोच्या करते कौण होगा,म्हारे खिलाफ खड्या,

मेहनतकश उठ्या जोश म्हं, थप्पड़ सही जड्या,

दुनिया म्हं आवाज गूंजी,रुक्का देख पड्या,

ठरगल माण्डी बैठ टिकरी,छंद कसूत घड्या,

घमंडी का तोड़ बगाया, अभिमान दिल्ली म्हं।

जनयुद्ध का शुरू होया, अभियान दिल्ली म्हं।।

1 comment:

  1. एक दिन हल्ला बोल देगें किसान दिल्ली मां
    भाग जायेगा रावण, छोड़ पाप की लंका पीछे

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