Saturday 13 June 2020

कहानियां


ग्लेडियेटर्स
(अलेक्स ला गुमा)

( आज पूरे अमेरिका के साथ साथ दुनिया के लगभग सभी देशों में काले लोगों पर हो रहे नस्लीय हमलों के खिलाफ जबरदस्त प्रतिरोध किया जा रहा है । इन नस्लीय हमलों के इतिहास को समझने के लिए हमें दक्षिण अफ्रीकी लेखक अलेक्स ला गुमा की कहानी ग्लेडियेटर जरूर पढ़नी चाहिए । और हम उम्मीद करते हैं कि कहानी पढ़ने के बाद पाठकगण अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर देंगे कि आखिर नस्लीय हमलों के पिछे सिर्फ चमड़ी का काला रंग है या फिर इन हमलों के कुछ सांस्कृतिक कारण हैं । - संपादक मंडल अभियान )

आप यह अच्छी तरह जानते होंगे कि जब आपका बेटा रिंग के अंदर जाने के लिए तैयार हो और आपको पता न हो कि वह किस हालत में बाहर निकलेगा तो कैसा महसूस होता है । उस रात हमें भी ऐसा ही महसूस हो रहा था । हमारे बदन पर पट्टियां बंधी थी और हम पहला राउंड खत्म होने का इंतजार कर रहे थे । डरते हुए सिगरेट पी रहे थे और केन्नी की तरफ देख रहे थे । टांगे नीचे लटकाए वह एक मेज पर बैठा था । हमारी तरह वह भी इंतजार कर रहा था, पर हमारी तरह डरा हुआ नहीं था, बस डींग हांकता जा रहा था । वह अच्छा जूबा जरूर था । आपने कभी भालू को देखा है ? उसके शरीर का गठन भालू जैसा था, विशाल छाती, झुके कंधे और सांगवान की चिकनी लकड़ी जैसी बाहें और टांगे । हां, बिल्कुल सांगवान की तरह नहीं कह सकते क्योंकि उसका रंग हल्का है । जरा और हल्का होता तो गोरा लगता, इसलिए इतराता बहुत है । वह गोरा नहीं था इसका उसे दुख था और काला ने होने की खुशी भी थी । उसका चेहरा भी सुंदर था, बस नाक जरा चपटी थी क्योंकि उस पर कई बार चोटें लगी थी । नाक तो लगभग काले लड़के के जैसी ही लगती थी । जो भी हो वह लड़का तो है । गॉग्स और मैं परेशान थे कि जब वह अंदर जाएगा और काले लड़के के साथ भिड़ेगा तो जरूर कमीनी हरकत करेगा और ऐसी कोई मूर्खता करेगा तो कहीं हार ही न जाये ?
हम ड्रेसिंग रूम में थे जो शौचालय के ठीक बगल में है और वहां से पेशाब और तंबाकू की बू भी आ रही थी । बाहर हॉल पूरी तरह भर चुका था और हमें भीड़ की आवाजें सुनाई दे रही थी । लोगों की निराशा भरी आवाज से पता चल रहा था कि उन्हें अपने पैसे की कीमत वसूल नहीं हो रही थी ।
"कैसा महसूस हो रहा है केन्नी ?" गॉग्स ने उससे पूछा । उसे गॉग्स इसलिए कहते हैं क्योंकि वह हमेशा बड़ा सा चश्मा पहनता है ।
"मजे में हूं । उस काले हरामखोर को धूल चटा दूंगा," कहकर केन्नी दांत निपोरता है ।
मैं कहता हूं, "देख केन्नी, तू ऐसा कुछ नहीं कर सकता । हम सब काले ही तो हैं यार । चाहे भूरे हों या कॉफी के रंग के! काला बनकर खेलना यार!"
धत्त तेरे की! खेल, ठीक है यह खेल है । पर मुझे हमेशा कालों से ही क्यों लड़ना पड़ता है ?" केन्नी ने कहा ।
"तू गोरे से भिड़ना चाहता है तो तुझे इंग्लैंड जाना पड़ेगा" , गॉग्स स्पॉट उत्तर देता है ।
"या लोरन्तो मार्कस से लड़ो । तू जानता है ना यहां गोरे से लड़ना मुमकिन नहीं है ? इसलिए बस अच्छे खिलाड़ी की तरह खेल पर ध्यान दे, ठीक है ?"
केन्नी हमें देखकर हंसते हुए कहता है, "अरे, मैं इंग्लैंड जाकर लडूंगा तुम देखना ।"
"देखो तुम अंदर जाकर कुछ गड़बड़ मत कर देना, हां ? जो करना है, जैसा करना है वैसा करके आना, समझे ? गॉग्स ने कहा ।
"ठीक है यार, अब रहने भी दे ।"
"ठीक है अब संभल जाओ । अपने जैसों से लड़-लड़कर ऊब चुके हो, इसलिए वहां कुछ ऐसा वैसा मत कर बैठना ।"
केन्नी ने फिर हमसे कहा, "सुनो, अपने जैसा मत कहना, वह लड़का हमारे जैसा नहीं है ।"
"ठीक है, पर हम सबको पिछवाड़े लात खानी ही पड़ती है ना ?" मैंने कहा ।
"भगवान के लिए चुप रहो, यह काली बकवास बहुत हो गई, अब काली लडाई के बारे में सोचते हैं," गॉग्स ने चिढ़ते हुए कहा ।
"तुम जूबा लोग देखते रहना, मैं जीत कर आऊंगा," केन्नी ने कहा ।
लोग बातें कर रहे थे और उठ कर इधर-उधर घूम रहे थे तो लगा पहला दौर खत्म हो गया । हम लगातार बोल रहे थे ना, इसलिए आखरी घंटी नहीं सुनाई दी । पर दरवाजा खुला और इस तमाशा का आयोजक नूर अब्बास अंदर आया । उसने काला सूट पहन रखा था और सिगार फूंकता हुआ बिल्कुल बैरों का मुखिया लग रहा था ।
"ठीक है, अब तुम्हारी बारी है, जाकर धूम मचा देना ।"
वह फिर बाहर की ओर चला और फार्नी उसे धकेलता अंदर आया और बोला, "ठीक है, चलो ।"
केन्नी मेज से नीचे उतरा और हमने उसे ड्रेसिंग गाउन पहना दिया । वह गाउन नारंगी रंग का था और उसके पीछे गहरे भूरे अक्षरों में किड केन्नी लिखा था । मुझे वह गाउन बड़ा जोरदार लगा ।
"तू ठीक है ना ?" हम बाहर निकलने लगे तो फार्नी ने उसे उससे पूछा ।
"मैं उसे मार डालूंगा,"  केन्नी ने कहा ।
"तू खुद को क्या समझता है ? कर्क डगलस ?" गॉग्स ने हंसते हुए कहा ।
"वह अपने को कोई समझता है, बस यह लूई काला है । उसे काले लड़के पसंद नहीं हैं । शायद अपने आप को पोट्टी समझता है!" मैंने कहा ।
"उसे चूरा बना डालूंगा....... गंवार कहीं का!" केन्नी ने कहा ।
"ठीक है...... मार्सियानो," मैंने कहा ।
"अरे चुप करो अहमकों," फार्नी बोला ।
सीटों के बीच बने संकरे गलियारे से हम निकलते हैं । नीचे से ऊपर तक सीटें बनी हैं जो नलदार तख्तो पर टिकी हैं । हमने देखा कि तभी काला लड़का रिंग के अंदर चढ़ने लगा । उसके लिए ज्यादा तालियां नहीं बजी । वह लड़का देखने में सुंदर था, उसका बदन चमकीला था और छाती मोटी थी । वह रिंग के अंदर उछला जिसे देखकर भीड़ हंस पड़ी । मैंने सोचा, यह कैसा देश है! काले लड़के ने सफेद कपड़े पहन रखे थे और पीछे की तरफ काले रंग में बाघ की धारियां बनी थी । पोस्टर में उसका नाम काला तेंदुआ लिखा था । पर उसका असली नाम मुझे अब याद नहीं आ रहा है ।
और जब हम गलियारे के अगले भाग में पहुंच गये तो भीड़ केन्नी को देखकर चिल्लाने और तालियां बजाने लगती है और केन्नी दांत निपोर कर हंसता है, जैसे बहुत बड़ा खिलाड़ी हो । हम जाकर रिंग के पास वाली कुर्सियों को पार करके रिंग के पास जाते हैं । भीड़ में ज्यादा मर्द है और कुछ औरतें भी हैं । केन्नी के समर्थन में वे गला फाड़कर चिल्लाते हैं और वह रस्सियों के नीचे से ऊपर चढ़ता है, उनकी ओर देखकर हाथ हिलाता है ।
मैं गॉग्स से कहता हूं, "यह हरामजादा खुद को काला साहब जिम कॉरबेट समझता है! ऐसे तेवर हैं इसके जैसे दुनिया के सबसे हैवी वेट का सामना करने जा रहा हो ।"
"अरे यार, वह ठीक है । जरा सा घमंडी है और बढ़ चढ़कर बोलता है, बस । गॉग्स ने कहा ।
केन्नी ने अपने दोनों हाथों को पकड़कर सिर के ऊपर उठाया और भीड़ की ओर देखकर ऐसे हिलाया मानो वह कोई चैंपियन हो । इसी को हम सिनेमा कहते हैं । भीड़ ने फिर तालियां बजायी । फिर वह बैठ गया और तेंदुआ लड़के ने उसके पास आकर हैलो कहा और टेप को जांचा । फिर हमने केन्नी के हाथों पर दस्ताने पहनाये और डोरियां कसकर बांध दी ।
"अब तू ऐसा वैसा कुछ मत कर बैठना केन्नी," गॉग्स ने कहा ।
"आह, जू जुबा लोग!" कहकर उसने मुट्ठीयां हमारी तरफ उठाकर हिलायी ।
मैंने तेंदुए की ओर देखा, वह लंबा तगड़ा, छ: फुट से ज्यादा लंबा और लगभग 140 किलो वजन वाला काले रंग का जवान था ।
रेफरी ने दोनों को बीच में आने के लिए कहा और उन्हें खेल के नियम बताये । केन्नी अपनी जगह पर वापस आ कर कहने लगा, "त्सोत्से, त्सोत्से (काला कलूटा)!"
उसके साथ जरा संभल कर खेलना, लगता है उसकी पहुंच बहुत लंबी है ।"
"तुम लोग देखना, उसे कुचल कर रख दूंगा.... काला कहीं का!" केन्नी ने कहा ।
मैं उसका ड्रेसिंग गाउन उतार देता हूं और वह चारों ओर देखकर मुस्कुराता है । भीड़ में से कोई चिल्लाता है, "पीसकर चटनी बना देना साले को!" मैं देखना चाहता था कि यह आवाज कहां से आयी । पर पांच हजार लोगों की भीड़ में उस आवाज को पहचानना मुश्किल था । सब इसी इंतजार में थी कि वे दोनों एक-दूसरे को कब मारना शुरू करेंगे और पीसकर चटनी बना देंगे । आगे बैठे कुछ गोरे हंसते हुए बातें कर रहे थे । पूरे हॉल में नीले रंग का धुआं फैला था ।
हॉल की बत्तियां बुझा दी जाती हैं और सिर्फ रिंग की बतियां जलती रहती हैं ताकि आप दोनों योद्धाओं को और रेफरी को देख सकें । भीड़ खून देखने के इंतजार में चुप्पी साध लेती है । हरामखोर, दो काले लड़कों को लड़ मरते देखने के लिए पैसे देकर आये हैं । फिर मैं इस मामले में क्यों पड़ा हूं ? पता नहीं, शायद यह देखने की मेरे लड़के को ज्यादा चोटें न पहुंचे ।
घंटी बजती है और हम जल्दी से वहां से हट जाते हैं । गॉग्स तिपाई उठाता है और हम नीचे जाकर अपने लौंडे को रिंग में जाते देखते हैं ।
उस बड़े से रिंग में बत्तियां इतनी तेज रोशनी डालती हैं कि केन्नी लगभग गोरा सा दिखता है । केन्नी और वह लंबा काला लड़का एक दूसरे के पास सावधानी से जाते हैं और दस्तानों को छुआते हैं । और जैसे ही तेंदुआ हाथ नीचे करता है, केन्नी उसके मुंह पर दो बार बाएं हाथ से मुक्का मार कर पीछे हटता है । केन्नी का वार अच्छा था पर तेंदुआ नाचने में माहिर था, नीचे घूटनों के बल बैठता और उछलता नाच रहा था ।
तीन चार बार केन्नी ने अपना बायां हाथ फेंका पर तेंदुए ने उस वार को कंधे या बांह पर लिया । उसे उस बायें हाथ का डर बिल्कुल नहीं था । बस झुकता, उछलता अपना चेहरा बचा रहा था । थोड़ी देर बाद भीड़ उसे जाकर भिड़ने के लिए चिल्लाने लगी ।
और केन्नी अपने दावों से पॉइंट बटोर रहा था और पहले तीन राउंड उसी के पक्ष में रहे । फिर कोने में आकर बैठता है और हम उसके हाथ पांव दबाने लगते हैं तो हमें देख कर मुस्कुरा कर कहता है, "मैं उस काले-कलूटे को जमीन पर पटक दूंगा, देखना!"
चौथा राउंड लड़ने के लिए वह इस तरह जाने लगा जैसे वह उस लड़ाई को उस राउंड में खत्म करके ही रहेगा । तेंदुआ उसे आगे आने देता है और उछलते हुए अपने दस्ताने चेहरे के पास ले जाता है । उनके बीच में से उसकी आंखों का सफेद हिस्सा और उसका चमकता काला चेहरा नजर आने लगता है । भीड़ पैर पटकते हुए चिल्ला-चिल्लाकर केन्नी को प्रोत्साहन दे रही है कि अब यह लड़ाई खत्म करो तो हम घर वापस जायें । उन्हें पक्का मालूम था कि काला लड़का हार जाएगा ।
तो तेंदुए ने केन्नी को इतना आगे बढ़ने दिया कि वह बचाओ की बात भूल गया । केन्नी का बायां हाथ फिर चोट करता है पर तेंदुआ उसी पल अपना सिर एक तरफ कर लेता है । वह खाली जाता है । फिर वह केन्नी को इतनी जोर से मारता है कि आवाज बाहर तक जाती है ।
इससे केन्नी चकित हो जाता है और वह उसके चेहरे पर साफ दिखता है । तेंदुआ फिर मुक्का जमाता है और इस बार रेलवे स्टेशन तक आवाज पहुंचती है । तेंदुआ फिर उछलकर दूर जाता है और केन्नी के वार के इंतजार में रहता है । केन्नी पागलों की तरह उस पर टूट पड़ता है पर तेंदुआ एक, दो और तीन बार वार करता है । केन्नी के शरीर के दोनों और पसलियों के नीचे बड़े से लाल धब्बे उभरते हैं । वह बहुत घबराया सा दिखाई देता है । केन्नी फिर तेंदुए पर हमला करता है और बाएं हाथ से वार करता है, तेंदुआ उसे अपने कंधे पर लेता है और अपने दाएं हाथ से दो बार केन्नी की पसलियों पर मुक्का मारता है । अब भीड़ काले लड़के के पक्ष में हो जाती है और केन्नी को हराने के लिए चिल्लाने लगती है ।
पांचवें राउंड के बाद फार्नी चिंतित हो जाता है और केन्नी से कहता है, "सुन केन्नी जल्दबाजी मत करना । वह जूबा लड़ाकू है और तू उसे थकाने की कोशिश कर । इस तरह तू उसे गिरा नहीं सकेगा । आराम से लड़ना यार!"
"वह काला कमीना....... वह क्या कर लेगा ?" केन्नी कहता है ।
फार्नी सिर हिलाते हुए हमारी ओर ऐसे देखता है मानो कह रहा हो, मैं इसे समझाने से रहा । यह ऐसे ही बड़ी-बड़ी बातें करेगा तो मैं इसका साथ नहीं दे सकूंगा । मरने दो साले को!
आगे छठे राउंड में दोनों ऐसे उलझ जाते हैं कि अलग होना मुश्किल हो जाता है । केन्नी छुड़ाने की बहुत कोशिश करता है पर तेंदुआ ऊपर से उसकी नाक पर वार करता है । केन्नी की नाक से खून बहने लगता है तो वह तेंदुए पर झुकने की कोशिश करता है, पर तेंदुआ उसे परे हटा कर उसी जगह फिर मुक्का मारता है । केन्नी सिर झटका कर पीछे हटता है जैसे उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा हो । तेंदुआ उछलता नाचता उसका पीछा करता है और बार-बार उस पर मुक्के बरसाता है । केन्नी का चेहरा खून से लथपथ हो जाता है और वह दस्ताने से उसे पोंछता है । काला लड़का फिर भी उस पर हमला करना नहीं छोड़ता, लेकिन इतने में घंटी बजती है और हम केन्नी को कोने में ले जाते हैं ।
उसकी नाक टूट गई फिर भी जब हम उसे साफ करते हैं तो वह हमें मना कर देता है । वह बड़ा पक्का खिलाड़ी है, यह तो मानना ही पड़ेगा ।
"वह हरामजादा मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकता," केन्नी ने कहा ।
"तुम कैसा महसूस कर रहे हो ?" गॉग्स ने पूछा ।
"अगर आगे भी ऐसा ही हुआ तो मैं इस लड़ाई को रोक दूंगा," फार्नी ने कहा ।
"तू जा भाड़ में, मैं उस लड़के को घुटने टेकने के लिए मजबूर करुंगा," केन्नी बोला ।
घंटी फिर बजती है और भीड़ इतनी जोर से चिल्लाती है कि किसी को कुछ सुनाई नहीं देता । केन्नी अंदर जाता है और पर उसे देखकर लगता है कि वह अब सावधान हो गया है । दोनों एक दूसरे को ध्यान से देखते हैं । तेंदुआ अब भी उछल रहा है और उसका चमकता काला बदन पसीने से तर है । भीड़ फिर चुप हो जाती है । सब देखना चाहते हैं कि अब क्या होने वाला है । केन्नी और काला लड़का दोनों गोल गोल घूमने लगते हैं और मौके का इंतजार करते हैं ।
केन्नी की नाक उसे बहुत परेशान कर रही है । वह बार-बार उसे दस्ताने से पोंछने लगता है । वह मौके का इंतजार करता रहता है । तेंदुआ दाहिने हाथ से मुक्का मारने का अभिनय करता है और केन्नी उसके धोखे में आ जाता है । और दस्ताना हाथ से निकल जाता है और अगले पल तेंदुआ उसके गले के नीचे सौर चक्कर पर मारता है । वह वार इतना जोरदार था कि मुझे लगा केन्नी की आंखें उसके सिर से बाहर निकल आएंगी । वह इस स्थिति में अपने आप को संभालने लगा तभी तेंदुए ने उसकी नाक पर मुक्का मारा फिर दो बार मुंह पर मारा तो खून से लथपथ केन्नी लड़खड़ाता रह गया । फिर भी तेंदुए ने उसे नहीं छोड़ा । जैसे अभ्यास करते वक्त पंचिंग बैग पर लगातार मुक्के मारते हैं, वैसे ही वह एक-दो करके दोनों हाथों से केन्नी पर वार करता रहा ।
अब भीड़ ने चिल्लाना बंद कर दिया । बस पूरी भीड़ में से एक ही आवाज इकट्ठी सुनाई देने लगी । सब उठ खड़े हुए और चीखने लगे क्योंकि उनको खून देखने को मिल गया । एक आदमी को पिटते, खून बहाते देखकर सब पागल हो रहे थे । अब केन्नी की उन्हें कोई फिक्र नहीं । बस उसका खून देखने के सिवा उन्हें कुछ नहीं चाहिए ।
और फार्नी अब तौलिया लेकर तैयार खड़ा है, पर तय नहीं कर पा रहा है कि उसे नीचे फेंकना है या घंटी बजने का इंतजार करना है ताकि केन्नी इस यातना से बच जाए । पर तेंदुआ नहीं रुकना चाहता था । वह फिर केन्नी पर हमला करके ताबड़तोड़ मुक्के जमाने लगा । उसके बाद केन्नी घुटनों के बल बैठ गया और हाथ उठाकर धीरे-धीरे हिलाने लगा जैसे किसी चीज को पकड़ना चाहता हो । फिर वह पूरी तरह चित लेट गया और रेफरी ने गिनना शुरू किया ।
बस, काला लड़का जीत जाता है और जब तक हम केन्नी के पास जाकर उसे उठाते, भीड़ बाहर निकलने लगती है और रिंग के पास से जाते हुए हमें देखती है । केन्नी होश में आ जाता है । उसके दोनों होंठ सूजकर लाल मांस जैसे लग रहे हैं । हम सब मिलकर उसे उठाते हैं । फार्नी तेंदुए की टीम से बात कर रहा है । हम केन्नी को रिंग से नीचे उतारते हैं और बाहर ड्रेसिंग रूम की तरफ चल पड़ते हैं । उसे दोनों तरफ से पकड़कर मूंगफली के छिलकों और फुंके सिगरेट के टुकड़ों पर चलते हुए बाहर ड्रेसिंग रूम की तरफ जाते हैं ।

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